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'पनामा के होटल में भारतीय सुरक्षित हैं', अमेरिका से निकाले गए लोगों के बारे में भारत की प्रतिक्रिया

  
  
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  अवैध आप्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रम्प की कार्रवाई के तहत भारतीयों सहित लगभग 300 आप्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है। इन निर्वासितों को पनामा के एक होटल में रखा गया है, जहां से वे कागज पर लिखे संदेशों के जरिए मदद की अपील कर रहे हैं। अब इस मामले में पनामा, निकारागुआ और कोस्टा रिका स्थित भारतीय दूतावासों का ट्वीट सामने आया है। भारतीय दूतावास ने क्या कहा? भारतीय दूतावास ने एक पोस्ट में कहा, "पनामा के अधिकारियों ने हमें सूचित किया है कि भारतीयों का एक समूह अमेरिका से पनामा पहुंचा है।" वे सभी आवश्यक सुविधाओं वाले होटल में सुरक्षित हैं। दूतावास की टीम को कांसुलरी पहुंच प्रदान कर दी गई है। हम उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए मेजबान सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। होटल में 300 लोग फंसे हुए हैं यह बयान उस रिपोर्ट के एक दिन बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन सहित विभिन्न देशों के लगभग 300 लोग, जिन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अमेरिका से निर्वासित किया गया था, पनामा के एक होटल में बंधक बनाकर रखे गए हैं। मदद की अपील कुछ निर्वासितों ने अपने होटल के कमरों की खिड़कियों पर मदद के लिए हताशा भरे संदेश प्रदर्शित करते हुए कहा, "हम अपने ही देश में सुरक्षित नहीं हैं।" पनामा के सुरक्षा मंत्री ने क्या कहा? पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने इस संबंध में कहा कि अमेरिका से आने वाले इन अवैध प्रवासियों को पनामा और अमेरिका के बीच हुए प्रवास समझौते के तहत होटल में चिकित्सा सुविधाएं और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। हालाँकि, जब तक अंतर्राष्ट्रीय प्राधिकारी उनके मूल देश लौटने की व्यवस्था नहीं कर देते, उन्हें होटल छोड़ने की अनुमति नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका पनामा को निर्वासितों के लिए पारगमन देश के रूप में उपयोग कर रहा है, क्योंकि कुछ देशों को व्यक्तियों को सीधे निर्वासित करने में कठिनाई होती है। तीसरे देश से निर्वासित लोगों की एक ऐसी ही उड़ान बुधवार को कोस्टा रिका पहुंचने की उम्मीद है।
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