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इज़राइल हमास युद्ध: इज़राइल-हमास विवाद पर लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग से क्यों दूर रहा भारत? विदेश मंत्रालय ने बताई वजह

  
  
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  नई दिल्ली: इजरायल-हमास विवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पारित प्रस्ताव में वोटिंग से भारत के दूर रहने से न सिर्फ घरेलू राजनीति में उथल-पुथल बढ़ गई है. बल्कि आशंका है कि इसका असर कुछ देशों के साथ भारत के राजनयिक संबंधों पर भी पड़ेगा. . ऐसे में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए वोटिंग से दूर रहा. भारत के वोटिंग से दूर रहने के पीछे क्या है वजह? विशेष रूप से पारित प्रस्ताव में हमास द्वारा इज़राइल पर 7 अक्टूबर, 2023 के आतंकवादी हमले की स्पष्ट निंदा की कमी उन कारणों में से एक है जिसके कारण भारत अंततः मतदान से दूर रहा। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी भारतीय प्रतिनिधि ने साफ कर दिया कि आतंकवाद को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? विदेश मंत्रालय से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्रों ने भारत के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. उसने कहा, आतंकवाद को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. पारित प्रस्ताव में 7 अक्टूबर के हमास हमले की कोई स्पष्ट निंदा नहीं थी। इसमें सुधार के लिए एक संशोधन प्रस्ताव भी पेश किया गया. फिर हमने इसके पक्ष में वोट किया. इसे भारत सहित 88 देशों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन इसके लिए दो-तिहाई सदस्यों की आवश्यकता थी। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भारत ने अंतिम प्रस्ताव से दूर रहने का फैसला किया.
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